PMS cadre ने शोक जताया, जांच की मांग
लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के क्वीनमेरी अस्पताल (स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग) में इलाज के दौरान गर्भवती डॉक्टर की मौत लापरवाही से होने का आरोप परिजनों ने लगाया है। मृतक डाक्टर पीएमएस संवर्ग की थी और बाराबंकी के स्वास्थ्य केन्द्र पर तैनात थी। इलाज में डाक्टरों की लापरवाही से आक्रोशित परिजनों ने आरोप लगाते हुए जमकर बवाल किया। मौके पर सुरक्षा गार्डो ने रोकने की कोशिश की। परिजनों ने इस डाक्टरों की लापरवाही की शिकायत केजीएमयू प्रशासन से करने के साथ स्थानीय पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करा दी है।
वही पीएमएस संवर्ग के डाक्टर की मौत पर पीएमएस संवर्ग के अध्यक्ष डा. सचिन का कहना है कि संवर्ग की डाक्टर की मौत पर सभी दुखी है। उन्होंने कहा कि परिजनों की शिकायत के आधार पर केजीएमयू प्रशासन को निष्पक्ष जांच कराना चाहिए।
बाबूगंज निवासी डॉ. सुनेहा सिंह प्रान्तीय चिकित्सा सेवा (पीएमएस संवर्ग) के तहत आती है। डा. सुनेहा की तैनाती बाराबंकी के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में चल रही थी। उच्चस्तरीय इलाज के लिए डॉ. सुनेहा गर्भावस्था की शुरुआत से ही क्वीनमेरी डाक्टरों से जांच व परामर्श के अनुसार कार्य कर रही थीं। 20 सितंबर को डॉ. सनेहा की अचानक तबीयत बिगड़ने पर परिजन उन्हें लेकर क्वीनमेरी पहुंचे और भर्ती करा दिया। डॉ. सुनेहा के पति डॉ. हरिओम हरदोई में वेटनरी के डॉक्टर हैं। परिजनों का आरोप है कि भर्ती करने के बाद भी डॉ. सुनेहा की तबीयत लगातार बिगड़ने पर वहां मौजूद डॉक्टर ने ध्यान नहीं दे दी थी। कई बार उनसे सुनेहा को देखने के लिए फरियाद की गयी, लेकिन नजर अंदाज करते हुए परिजनों का झिड़क दिया। आरोप है कि समय पर सही इलाज न मिलने से रविवार को जब हालत बिगड़ गई। परिजनों की नाराजगी व आपत्ति के बाद डॉक्टर हरकत में आये और तब डॉ. सुनेहा पर थोड़ा बहुत ध्यान देकर इलाज शुरू किया। इसके बाद डाक्टरों ने सिजेरियन डिलीवरी करायी। डिलीवरी के दौरान ही शिशु की मौत हो गई। सिजेरियन सर्जरी के कुछ समय बाद डा. सुनेहा ने भी दम तोड़ दिया। इस पर परिजनों ने इलाज में डाक्टरों पर डाक्टर के ही इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए बवाल किया। आरोप है कि मौजूद डाक्टरों ने हंगामें के बाद परिजनों को नजर अंदाज करते हुए डा. सुनेहा के इलाज संबंधी दस्तावेज भी नहीं दिए।
डॉ. सुनेहा के पिता सूर्य कमार का आरोप है कि कई बार वरिष्ठ डाक्टरों से शिकायत करने के बाद भी गर्भवती डॉ. सुनेहा को जूनियर डॉक्टरों के भरोसे छोड़ दिया। कोई भी वरिष्ठ डॉक्टर मरीज को देखने नहीं आया।
बेटी के पति डॉ. हरिओम से ओटी के बाहर आधार कार्ड मांग कर जानकारी देने से टाला गया। जब पत्नी की सेहत के बारे में जब हरिओम ने जानकारी मांगी तो किसी ने कोई सही जवाब नहीं दिया। बेटी और शिशु की मौत पर आक्रोशित और दुखी परिजनों ने चौक कोतवाली में तहरीर देकर डाक्टरों पर डाक्टर के इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया है। पुलिस के हस्तक्षेप के बाद शव का पोस्टमार्टम कराया गया।
केजीएमयू के प्रवक्ता डा. सुधीर का कहना है कि डॉ. सुनेहा के गर्भावस्था का समय पूरा नहीं हुआ था। डाक्टरों के अनुसार वह क दिनों की गर्भवती थीं। इसके बाद भी बिगड़ती तबियत को देखते हुए सामान्य प्रसव कराने की कोशिश की गई थी। उनका कहना है कि परिजनों की शिकायत के आधार पर जांच कराई जाएगी। शव का पोस्टमार्टम कराया गया है। रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।