लखनऊ। महिलाओं में सर्वाइकल व ब्रेस्ट कैंसर लगातार तेजी से बढ़ रहा है। जागरुकता सही से हो तो इन कैंसर की रोकथाम संभव है। इसके लिए 40 वर्ष की हो चुकी महिलाएं वर्ष में एक बार जांच जरूर कराएं। यह बात किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के महिला अध्ययन केन्द्र की सदस्य व जनरल सर्जरी विभाग की डॉ. गितिका नंदा सिंह ने शुक्रवार को ब्रेस्ट एवं सर्वाइकल कैंसर जागरुकता कार्यक्रम कही। कार्यक्रम में डॉ. नंदा ने कहा कि यदि किसी महिला में माहवारी की अनियमितता है। इसके साथ ही ब्रेस्ट से ब्लड मटमैले द्रव्य की तरह निकल रहा है। इसके अलावा ब्रोस्ट में गांठ है, तो तत्काल विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श लेकर मैमोग्रॉफी टेस्ट कराएं। इस जांच से ब्रोस्ट कैंसर का पता लगाया जा सकता है।
उप कुलपति डॉ. विनीत शर्मा ने कहा कि ब्रोस्ट व सर्वाइकल कैंसर महिलाओं में सबसे ज्यादा मिल रहा है। इसकी रोकथाम के लिए महिलाओं को अपने लिए स्वयं जागरूक रहना चाहिए। यदि वे अपने ब्रोस्ट में किसी प्रकार का बदलाव या गांठ को महसूस करती है तो तुरन्त डॉक्टर की सलाह लें, ताकि ब्रोस्ट कैंसर के पहले चरण में ही उसका इलाज हो सके।
क्वीनमेरी की डॉ. मंजू लता वर्मा ने बताया कि सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए वैक्सीन उपलब्ध है। यह वैक्सीन नौ से 15 वर्ष की उम्र में लगाया जाता है। इससे काफी हद तक सर्वाइकल कैंसर के खतरे से बचाव किया जा सकता है।
इस मौके पर जागरुकता शिविर भी लगा। इसमें केजीएमयू की नर्सिंग स्टाफ एवं महिला कर्मचारियों ने जांच की गयी। 200 से अधिक महिलाओं ने टेस्ट कराया। कार्यक्रम में डॉ. पुनीता मानिक, रामेश्वरी, जनरल सर्जरी विभाग के अध्यक्ष डॉ. अभिनव अरूण सोनकर, डॉ. अक्षय आनंद, डॉ. कुषाग्र गौरव व वर्तिका सैनी ने सहयोग किया।