लखनऊ। गोमती नगर के डा. राम मनोहर लोहिया संस्थान में एमबीबीएस के पहले बैच के लिए लोहिया अस्पताल का विलय अभी तक नहीं हो पाया है। वही संस्थान प्रशासन ने दूसरे बैच की कवायद शुरू हो गई है। दूसरे एमबीबीएस बैच के लिए बुधवार को मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) की तीन सदस्यी टीम ने लोहिया संस्थान व अस्पताल के मानकों का निरीक्षण किया।
लोहिया संस्थान में एमबीबीएस प्रथम वर्ष की पढ़ाई चल रही है। यहां पर एमबीबीएस पाठ्यक्रम के लिए 150 सीटों पर नीट काउंसिलिंग के जरिए दाखिले हुए थे। इसके लिए एक मानक यह भी था कि लोहिया अस्पताल का विलय संस्थान में कर दिया जाए, इसको लेकर अभी तक ठोस नतीजे पर संस्थान नहीं पहुंचा है। अब दूसरे बैच की कवायद शुरू हो गई है। एमसीआई की तीन सदस्यी टीम ने संस्थान व अस्पताल के संसाधनों की जानकारी लेने के साथ ही अन्य जानकारी भी एकत्र की। संस्थान के एनॉटामी, फिजियोलॉजी और बायोकैमेस्टी विभाग के मानकों को भी देखा।
आयी टीम ने इसके साथ ही अस्पताल की भी पैथोलॉजी, ओपीडी मरीजों की संख्या का जायजा लिया। लोहिया अस्पताल के रेडियोलॉजी व भर्ती मरीजों की संख्या भी जानी। अगर विलय हो जाता है तो करीब 400 बेड लोहिया अस्पताल में हैं, जबकि लोहिया संस्थान में सुपर स्पेशियिलटी विभागों में 350 से ज्यादा बिस्तरों पर मरीजों का इलाज होता हैं। निदेशक डॉ. दीपक मालवीय एमसीआई की टीम ने संस्थान के सभी विभागों को निरीक्षण कर जानकारी ली है। टीम को मानकों से रू-ब-रू करा दिया है। अस्पताल भी निरीक्षण किया है।
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