ट्रामा सेंटर : यहां भर्ती का गेम

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लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के ट्रॉमा सेंटर के दूसरे तल पर बने मेडिसिन विभाग में कैजुल्टी बेड खाली न होने पर उन्हें कैजुअल्टी में रखकर उपचार किया जा रहा है। ऐसे में रात होते ही कैजुल्टी में मेडिसिन के मरीजों की तादाद बढ़ जाती है। एक दो नहीं बल्कि 20 से 25 मरीज रोजाना कैजुअल्टी में रखकर उनका उपचार किया जा रहा है। इसे लेकर अफसरों तक शिकायत पहुंची है।

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बताते चले कि केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर के मेडिसिन विभाग में गत वर्ष आए कर्मचारी को डॉक्टरों ने नो बेड लिखकर बिना एंबुलेंस बलरामपुर अस्पताल रेफर कर दिया था। अस्पताल पहुंचने से पहले कर्मचारी की मौत हो गई। इस मामले में रेजीडेंट डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगा था। कुलपति ने दो रेजीडेंट को निल िबत कर दिया गया था। जिसके बाद से रेजीडेंट डॉक्टर ट्रॉमा कैजुल्टी से मरीज न लेकर ओपीडी से लाकर वार्ड में भर्ती कर रहे हैं। करीब 25 बेड के मेडिसिन विभाग में एक- दो दर्जन मरीज ओपीडी से शिफ्ट करा भर्ती किए जा रहे हैं।

नियमता ओपीडी के मरीजों के लिए गांधी वार्ड में एक विभाग में बना है। इस मामले को लेकर शिकायत हुई थी। अफसरों ने ओपीडी से भर्ती मरीजों का आंकड़ा भी जुटाया। हालांकि मामले को बाद में दबा दिया गया। वहीं अब रोजाना रात में मेडिसिन के आने वाले मरीजों को बेड न खाली होने पर उन्हें कैजुल्टी में रखकर उपचार किया जा रहा है। ऐसे में दूसरे मरीजों का कैजुल्टी में बेड न खाली होने से दिक्कते झेलनी पड़ रही है।


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