न्यूज। चिकित्सा पद्धति में नैतिक सिद्धांतों को शामिल करना अनिवार्य हो गया है। इस लिए पंजाब इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (पिम्स) में सदाचार जैव नैतिकता (बायोएथिक) यूनिट की स्थापना की गयी है। यह यूनिट हाइफा में यूनिस्को के अंतररष्ट्रीय नेटवर्क का एक हिस्सा है। आयोजित कार्यक्रम में बाबा फरीद यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर डॉ. राज बहादुर ने बायोएथिक यूनिट, 3टी (प्रशिक्षण, पढाना, स्थानांतरण) ने आज कार्यशाला का उद्घाटन किया। इस अवसर पर वाइस चांसलर कहा कि चिकित्सा पद्धति में नैतिक सिद्धांतों को शामिल करना अनिवार्य हो गया है। उन्होंने कहा कि नैतिक कर्तव्यों, व्यावसायिकता और संचार कौशल के बारे में युवा डॉ.क्टरों और मेडिकल छााों को संवेदनशील बनाना और प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल चिकित्सकों के रूप में कार्य करने के लिए सक्षम बनाना हमारी जिम्मेवारी है ताकि नैतिक मुद्दों को पहचानने और उसे हल करने में सक्षम हो सकें।
भारत में अकादमिक कार्यक्रम के राष्ट्रीय प्रमुख डॉ वेद प्रकाश मिश्रा ने कहा कि डॉ.को सक्षम दयालु के साथ आत्म विश्वास से भरपूर होना चाहिए। यूनिस्को के अंतरराष्ट्रीय प्रोग्राम के शिक्षा निदेशक और एशिया पैसिफिक डिवीजन के प्रमुख डॉ.रुशेल डीसूका इस अवसर पर उपस्थित थे। उन्होंने भारत में बायोएथिक्स कार्यक्रम और पिम्स में करवाई गयी तीन दिवसीय कार्यशाला का अवलोकन किया। पिम्स की निदेशक पिं्रसिपल डॉ कुलबीर कौर ने वाइस चांसलर डॉ राज बहादुर, डॉ वेद प्रकाश मिश्रा और डॉ. रुशेल डीसूका का आभार व्यक्त किया, जो एशियापेस्फिक प्रोग्राम आफ बायोएथिक्स के तहत यूनिस्को चेयर स्थापित करने के लिए प्रेरणारुाोत और मार्गदर्शक बने। उन्होंने आश्वासन दिया कि यह संस्थान शिक्षकों और छााों को अपने दैनिक व्यवहार में जैवसिद्धातों को लागू करने के लिए प्रशिक्षित करेगा ताकि चिकित्सकों और मरीजों के बढ़ते संघषों की जांच की जा सके और संबंधों को सुधारा जा सके।
सदाचार जैवनैतिकता यूनिट की प्रमुख डॉ. जगमिंदर बजाज ने कहा कि यह यूनिट स्थापित होना पिम्स के इतिहास में एक बड़ी उपलब्धि है। मुम्बई से सेठ जी.एस मेडिकल कालेज के डॉ. संतोष, पी.एस मेडिकल कालेज के डॉ. बरना गांगुली, श्री गुरू राम दास यूनिवर्सिटी आफ हेल्थसाइसिका के डॉ.साहिब कुकरेजा, करनसाद आनंद डॉ. मनमीत गिल, लुधियाना के दयानंद मेडिकल कालज से डॉ.अनु शर्मा और पिम्स के डॉ.तानिया मोडगिल ने नैतिकता के मुद्दों पर अपने-अपने विचार व्यक्त किये।
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