न्यूज – ई – सिगरेट को अभी तक ज्यादातर लोग बीमारी का कारण नहीं मानने का भ्रम है। युवाओं में नशे की लत बढ़ ती जा रही है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य में ई-सिगरेट के उत्पादन, भण्डारण, वितरण, विज्ञापन आैर ऑनलाइन अथवा ऑफलाइन किसी भी माध्यम से बिक्री पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है। विश्व तम्बाकू निषेध दिवस (31 मई) की पूर्व संध्या पर राज्य सरकार का यह महत्वपूर्ण फैसला युवाओं में नशे की लत को रोकने की दिशा में कारगर कदम साबित होगा।
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में आयोजित बैठक में यह निर्णय लिया गया। गहलोत ने एक बयान में कहा कि हमने जन घोषणापत्र में युवाओं में नशे की लत रोकने के लिए कारगर कदम उठाने का वादा किया था। इस जन घोषणापत्र को राज्य सरकार ने नीतिगत दस्तावेज के रूप में स्वीकार किया है। यह कदम नशा मुक्त युवा पीढ़ी की दिशा में मजबूत कदम साबित होगा।
बैठक में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने बताया कि धूम्रपान की लत छुड़वाने के लिए ई-सिगरेट को विकल्प के रूप में प्रचारित करके युवाओं को भ्रमित किया जा रहा है। समिति ने विस्तृत अध्ययन के बाद अपनी रिपोर्ट में यह पाया कि ई-सिगरेट आमजन के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। ई-सिगरेट के दुष्प्रभावों से हृदय एवं फेफड़ों को नुकसान पहुंचता है क्योंकि इसमें अल्ट्राफाइन पार्टिकल, विषैले पदार्थ एवं पीएम 2.5 (पार्टिकुलेट मैटर) की अधिकता होती है। इसमें ग्लिसरीन होने की वजह से एक्यूट लंग इंजरी होने का खतरा भी बढ़ जाता है। ई-सिगरेट में ग्लाइकोल प्रोपाईलीन, निकोटिन, ग्लिसरॉल आदि पदार्थ पाये जाते हैं, जिससे मस्तिष्क के विकास पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
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