न्यूज – एक बार फिर जूनियर डाक्टर की हड़ताल से मरीज हलकान है। प्रदेश के झांसी स्थित महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में शुक्रवार को सुरक्षा की मांग को लेकर जूनियर डॉक्टरों के हड़ताल पर चल गये। इससे चिकित्सा सेवायें चरमरा गयी और मरीज परेशान होकर यहां वहां भटकते नजर आये। भर्ती मरीज पलायन करने लगे है।
पिछले दिनों मेडिकल कॉलेज में सल्फास खाकर आये मरीज संदीप पांडे की इलाज के दौरान मौत हो गयी थी, जिसके बाद मृतक के तीमारदारों ने डॉक्टरों पर इलाज में लापरवाही बरतने और इसका विरोध करने पर उनके साथ मारपीट का आरोप लगाया था। दूसरी ओर जूनियर डॉक्टरों के संगठन जूडा ने मृतक के परिजनों पर डॉक्टरों के साथ अभद्र व्यवहार तथा मारपीट का इल्जाम लगाया था।
इस मामले में आमरण अनशन शुरू किया था और सिटी मजिस्ट्रेट के पीडित का मामला दर्ज करने और डॉक्टरों के खिलाफ समिति गठित कर उचित कार्रवाई का आश्वासन दिये जाने के बाद यह अनशन समाप्त किया गया था।
जूनियर डॉक्टरों ने अपना विरोध दर्ज कराते हुए सुबह से ओपीडी में काम बंद कर दिया है। डॉक्टरों का कहना है कि मरणासन्न हालत में लाये गये मरीजों की जान बचाने के लिए पूरा प्रयास करने के बाद भी उन्हींं को निशाना बनाया जाता है ऐसे में वह तब तक काम पर नहीं लौटेंगे जब तक उनकी सुरक्षा की ठोस व्यवस्था नहीं की जाती है।
डॉक्टरों की इस हड़ताल का खमियाजा मरीजों को उठाना पड़ रहा है। यहां इलाज के लिए आस पास के इलाकों से भी आने वाले मरीजों को अब निजी अस्पतालों में भटकना पड रहा है। दूसरी ओर जूनियर डॉक्टर प्रशासन पर दबाव बनाने के लिए अपनी मांग को किसी तरह से छोड़ने को तैयार फिलहाल नजर नहीं आ रहे हैं।
जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल पर मेडिकल कॉलेज के सीएमएस हरिश्चंद्र आर्य ने कहा घटना के समय की सीसीटीवी फुटेज पुलिस को मुहैया करा दी गयी है। मामले की जांच की जा रही है और जल्द ही सच सामने आ जायेगा। इस बीच डॉक्टरों ने ओपीडी में सहयोग बंद किया है और इस असहयोग को आगे भी इसे बढाने की बात कही है। हम सुनिश्चित करेंगे कि हड़ताल से यहां आने वाले मरीजों को होने वाली परेशानी कम से कम हो। इस सबके बीच देखना होगा कि मेडिकल प्रशासन यहां इलाज के लिए आने वाले मरीजों की परेशानियों को कम करने के लिए कब तक और कितना प्रभावी इंतजाम कर पाता है।
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