यहां पर धरना – प्रदर्शन पर रोक

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लखनऊ। प्रदेश की राजधानी लखनऊ में होने वाले धरना प्रदर्शनों के कारण जनता को होने वाली दिक्कतों को ध्यान में रखते हुए विभिन्न स्थानों को धरना स्थल के रूप में बनाया गया है, लेकिन अब विधान भवन के आसपास किसी को भी धरना-प्रदर्शन करने की इजाजत नही होगी। इसे सख्ती से लागू किया जाएगा। आधिकारिक जानकारी के अनुसार लखनऊ के मण्डलायुक्त की अध्यक्षता में गठित समिति की संस्तुति के आधार पर जिन धरना प्रदर्शन में कम लोग (लगभग 300 तक) प्रतिभाग करें, जो क्रमिक न हों तथा जिसमें प्रतिभागी वाहन न लायें, उनके लिये वर्तमान लक्ष्मण मेला स्थल को धरनास्थल के रूप में प्रयोग किया जाये। यदि एक से अधिक धरना प्रदर्शन किसी दिवस में आयोजित होते हैं, तो प्रथम आवत, प्रथम पावत के आधार पर उनको धरना-प्रदर्शन की अनुमति जारी की जाये।

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उन्होंने बताया कि नियमानुसार 300 से अधिक प्रतिभागियों के धरना-प्रदर्शन स्थल के लिए कांशीराम जनसुविधा परिसर एवं पार्किंग स्थल को धरनास्थल के रूप में प्रयोग किया जाये। विधानसभा मार्ग, हजरतगंज चौराहा, सचिवालय, राजभवन, वीवीआईपी अतिथि गृह, कालीदास मार्ग, पार्क रोड, महात्मा गांधी मार्ग तथा उच्च न्यायालय गेस्ट आदि पूरे क्षेा को सभी प्रकार के प्रदर्शन के लिए प्रतिबंधित किया गया है। इस प्रतिबंध का कड़ाई से पालन किया जायेगा। धरनास्थल चिन्हित होने के बाद भी यदि कोई इस क्षेा में एका होता है, तो उस संगठन के पदाधिकारियों/आयोजकों पर विधिक कार्रवाई की जायेगी। राजमार्गों तथा प्रमुख मार्गों को भी धरना प्रदर्शन के लिये प्रतिबंधित किया गया है।

वहॉ पर कोई भी धरना प्रदर्शन होने पर सम्बन्धित संगठन के पदाधिकारियों एवं उसमें शामिल व्यक्तियों के विरूद्ध प्रभावी कार्रवाई की जायेगी। प्रवक्ता के अनुसार यदि किसी प्रदर्शनकारी द्वारा तोड़फोड़ की जाती है तथा सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाया जाता है, तो उच्चतम न्यायालय के निर्देशानुसार कार्रवाई करते हुए उनसे क्षतिपूर्ति की धनराशि वसूल की जायेगी।
पुलिस महानिदेशक ने उपरोक्त धरनास्थल के अतिरिक्त प्रदर्शनकारी शहर के मध्य एवं हाईवे पर अपना कार्यक्रम करते हैं जिससे, आमजन, वृद्ध, बीमार व्यक्तियों को अस्पताल पहुॅचने एवं स्कूल जाने वाले बच्चों को असुविधा होती है, तो ऐसी स्थिति से निपटने के लिए आरोपियों पर कार्रवाई किये जाने के निर्देश दिये हैं।

निर्देशों के अनुसार पुलिस अधिकारी, आयोजक से मिलकर प्रदर्शन का रास्ता एवं ऐसी शर्त तय करें, जिससे प्रदर्शन शान्तिपूर्ण हो और आमजन को कोई असुविधा न हो। प्रदर्शन के दौरान किसी भी प्रकार के हथियार आदि का लाना प्रतिबन्धित होगा। आयोजक द्वारा इस बात का बंधपा दिया जाये कि प्रदर्शन एवं धरना जिस स्थान पर करने की अनुमति प्रदान की जा रही है, उसी स्थान पर शान्तिपूर्वक धरना/प्रदर्शन होगा तथा इसके लिए आवश्यक स्थानों पर मार्शल एवं व्यवस्थापक नियुक्त किये जायेंगे। प्रवक्ता के अनुसार पुलिस/प्रशासन द्वारा आयोजन की यथासम्भव रूप से वीडियोग्राफी सुनिश्चित करायी जाये।

वीडियोग्राफर को अधिकारी अपने साथ भी रखें तथा उसे निर्देशित करें कि जो गड़बड़ी कर रहे हैं, उनकी वीडियोग्राफी तत्काल करें। जो भी अधिकारी मौके पर जायें उसकी और उसके अधीनस्थों की गाड़ियों में दंगा निरोधक उपकरण, लाउडहेलर, टियर गैस गन एवं रबर बुलेट इत्यादि अवश्य उपलब्ध रहे। जहां तक सम्भव हो समझा-बुझाकर, विश्वास में लेकर लोगों को कानून उल्लंघन करने से रोका जाये। स्थानीय नेता, प्रभावशाली व्यक्तियों का भी सहयोग लिया जाये। बल प्रयोग से पहले चेतावनी दी जाये। बल प्रयोग उसी न्यूनतम सीमा एवं अवधि तक किया जाये जो कि उल्लंघनकर्ता को निष्क्रिय करने के लिये आवश्यक हो।

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