न्यूज। बाल यौन उत्पीड़न पीड़िता 30 साल की उम्र तक भी शिकायत दर्ज करा सकती हैं। यह प्रस्ताव पर विचार किया जा रहा है। यह जानकारी केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने दी। दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 468 के तहत बाल यौन उत्पीड़न या अपराध के किसी ऐसे मामले में घटना के तीन वर्ष के भीतर रिपोर्ट करानी होती है । उसमें तीन साल की सजा का प्रावधान है। इसके आलावा दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 473 में यह प्रावधान है कि ‘न्याय के हित में” आैर ‘विलंब” के कारण को उचित ढंग से स्पष्ट किए जाने पर अदालत पुराने मामलों में मामला दर्ज करने का आदेश दे सकती है।
मेनका गांधी ने कहा कि उनका मंत्रालय ऐसे प्रावधान पर विचार कर रहा है कि यौन उत्पीड़न के मामलों में पीड़िता 30 साल की उम्र तक शिकायत दर्ज करा सकें। उन्होंने कहा, ”अगर किसी के साथ बचपन में कुछ गलत हुआ है तो आप कुछ वर्षों के भीतर इसकी रिपोर्ट करा सकते हैं। हम गृह मंत्रालय से यह कहने पर विचार कर रहे हैं कि इसकी आयुसीमा बढाकर 30 साल की जाए।””
मंत्री का बयान ऐसे समय में आया है जब अभिनेत्री तनुश्री दत्ता ने अभिनेता नाना पाटेकर पर 10 साल पहले एक फिल्म की शूटिंग के दौरान यौन दुव्र्यहार करने का आरोप लगाया है। इस बारे में सवाल किए जाने पर मेनका गांधी ने कहा कि किसी भी प्रकार का उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
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