न्यूज। योग को प्रोत्साहन देने और इसके विकास में उल्लेखनीय योगदान के लिए इस वर्ष का प्रधानमंत्री योग सम्मान गुजरात के स्वामी राजर्षि मुनि और इटली की एंटोनिएटा रोजी तथा जापान और बिहार के योग संस्थानों को प्रदान किया जायेगा। यह चयन विभिन्न श्रेणियों में प्राप्त 79 नांमाकनों में से किया गया है। आयुष मंत्रालय द्वारा गुरुवार को यहां जारी बयान के अनुसार गुजरात के लाइफ मिशन के स्वामी राजर्षि मुनि, इटली की सुश्री रोजी, जापान स्थित जापान योग निकेतन और बिहार के मुंगेर के बिहार स्कूल ऑफ योग को ये पुरस्कार प्रदान किये जायेंगे। व्यक्तिगत , राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संगठन की श्रेणियों के तहत चयनित योग हस्तियों और संस्थानों को पुरस्कार स्वरुप 25 लाख रुपये, प्रशस्ति पा और ट्रॉफी प्रदान किये जायेंगे।
आयुष सचिव की अध्यक्षता वाली स्क्रीनिंग कमेटी ने 79 आवेदनों में विजेताओं का चयन किया है। कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता वाली ज्यूरी ने ,जिसके प्रधानमंाी के अतिरिक्त प्रधान सचिव, सचिव (पूर्व, विदेश मंत्रालय), सचिव (आयुष), डॉ हंसा योगेंद्र और डॉ जयंत यशवंत देवपुजारी सदस्य थे , स्क्रीनिंग कमेटी की अनुशंसाओं की जांच के बाद अपने स्तर से सभी सूचनाओं का विश्लेषण करते हुए संस्थाओं और व्यक्तियों को पुरस्कार के लिए चयन किया है। ज्यूरी ने सभी तथ्यों का अध्ययन करने के बाद प्रधानमंत्री योग सम्मान व्यक्तिगत राष्ट्रीय श्रेणी में स्वामी राजर्षि मुनि को और अंतरराष्ट्रीय व्यक्तिगत श्रेणी में इटली की सुश्री रोजी को जबकि राष्ट्रीय संगठन की श्रेणी में बिहार स्कूल ऑफ योगा और अंतरराष्ट्रीय संगठन की श्रेणी में जापान के जापान योगा निकेतन को यह पुरस्कार देने का निर्णय लिया है।उल्लेखनीय है कि 21 जून, 2016 को चंडीगढ़ में आयोजित दूसरे अंतरराष्ट्रीय योग दिवस समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने योग के प्रचार-प्रसार में अहम योगदान देने वाले लोगों और संस्थाओं को पुरस्कृत करने की घोषणा की थी।
इसके बाद आयुष मंत्रालय ने पुरस्कारों के लिए दिशानिर्देश तैयार किये। पुरस्कार के चयन में पारदर्शिता बरतने के लिए मंत्रालय ने दो समितियां स्क्रीनिंग कमेटी (शुरुआती जांच-परख के लिए) और मूल्यांकन कमेटी (ज्यूरी) गठित की।बताते चले कि सरकार ने विज्ञापन जारी करके पुरस्कार के लिए नामांकन आमंत्रित किये थे। सरकार ने दो व्यक्तियों और दो संस्थाओं को पुरस्कृत करने की ज्यूरी की अनुशंसाओं को स्वीकार कर लिया है। स्वामी राजर्षि मुनि ने वर्ष 1971 में स्वामी कृपालवनंदा से दीक्षा ली थी। उन्होंने वर्ष 1993 में लाकुलिश इंटरनेशनल फेलोशिप्स इंलाइटमेंट मिशन की स्थापना की थी । मिशन ने योग के प्रचार- प्रसार और मानवीय सेवा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य किये हैं। इटली के लेरिसी की सुश्री रोजी को करीब 42 साल का योग का अनुभव है। उन्होंंने भारत के विभिन्न योग गुरुओं से योग की शिक्षा ली।
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