लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के पीडियाट्रिक आर्थोपेडिक के प्रमुख प्रो अजय सिंह ने घुटने के ऑस्टियोंआर्थराइटिस में योग के प्रभाव के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि अगर दवाओं के सेवन के साथ अगर योग के विशेष आसनों को किया जाए तो यह बीमारी जल्द ठीक हो सकती है। बताते चले कि ऑस्टियोंआर्थराइटिस में योग के महत्व पर अभी तक विश्व में बहुत कम शोध किये गये है। अगर केजीएमयू को इस शोध को छोड़ दिया जाए तो मात्र एक या दो योग के साथ ऑस्टियोंआर्थराइटिस बीमारी शोध दो या तीन मिलते है, जो कि विदेशों में किये गये है।
डा. अजय ने बताया कि केजीएमयू के आर्थोपैडिक विभाग में ऑस्टियोंआर्थराइटिस बीमारी के 120 मरीजो पर यह प्रयोग किया गया। मरीजों को आधा – आधा बांट दिया गया। एक ग्रुप में योग के साथ दवाओं का सेवन कराया गया, तो दूसरे ग्रुप को सिर्फ दवाओं का सेवन कराया गया। उन्होंने बताया कि इस दौरान मानव शरीर में बनने वाले इंटरल्यूकेंश केमिकल पर विशेष ध्यान दिया गया। यह केमिकल शरीर में सूजन को बताते है। ये केमिकल सूजन का मार्कर होते है। इनको मापने से यह पता चल जाता है कि योगा करने से गांठो की सूजन कम हो रही है कि नही।
कुछ समय बाद देखा गया योगा के साथ दवाओं का सेवन करने वाले मरीजों की हालत पहले से बहुत बेहतर थी। उनकी यह बीमारी काफी हद तक ठीक हो चुकी थी। जब कि दवाओं का सेवन करने वाले मरीजों में यह बीमारी ठीक हो रही थी, लेकिन अन्य योगा करने वाले मरीजों से कम आराम था।